पीरियड्स हर महिला के शरीर का एक प्राकृतिक हिस्सा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो गर्भाशय को साफ करती है और प्रजनन स्वास्थ्य (Reproductive Health) को संतुलन में रखती है। सामान्यत: मासिक धर्म 28 दिनों के चक्र में आता है जिसमें 3–5 दिन तक रक्तस्राव होता है। लेकिन जब इस प्रक्रिया में दर्द, अनियमितता या रुकावट आ जाती है तो उसे मासिक धर्म संबंधी विकार (Menstrual Disorder) कहा जाता है।
🔹 हार्मोन और मासिक धर्म का संबंध
हर महिला का प्रजनन स्वास्थ्य दो मुख्य हार्मोन पर निर्भर करता है: एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)।
एस्ट्रोजन – यह शरीर की वृद्धि, आकार और ताकत के लिए ज़िम्मेदार होता है। यह हार्मोन यौवनावस्था (लगभग 12 साल की उम्र) से अधिक बनने लगता है।
प्रोजेस्टेरोन – यह गर्भधारण और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है।
जब इन हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है तो महिलाओं को मासिक धर्म संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
🔹 सामान्य विकार
1. डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea)
पीरियड्स में दर्द आज के समय में डिसमेनोरिया बहुत सामान्य है। पीरियड्स के दौरान या उससे पहले पेट के नीचे, कमर, कूल्हों और जांघों में दर्द या खिंचाव होता है।
कारण:
- हार्मोनल असंतुलन
- गलत जीवनशैली और खानपान
- गर्भाशय को सहारा देने वाले लिगामेंट्स की कमजोरी
उपाय:
- संतुलित आहार और नियमित व्यायाम
- पीरियड्स से पहले या दौरान गुनगुना पानी/हिप बाथ लेना
- यदि दर्द बहुत ज़्यादा हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें
2. अमेनोरिया (Amenorrhea)
पीरियड्स का रुकना सामान्य स्थिति में गर्भावस्था के दौरान पीरियड्स रुक जाते हैं। लेकिन यदि बिना गर्भावस्था के कई महीनों तक पीरियड्स न आएं तो यह विकार है।
कारण:
- एनीमिया (रक्त की कमी)
- तनाव या मानसिक परेशानी
- गर्भाशय की असामान्य स्थिति
- हार्मोनल असंतुलन
उपाय:
- सबसे पहले मूल कारण समझें (क्या आप बहुत तनाव ले रही हैं? क्या खानपान ठीक नहीं है?)
- पौष्टिक आहार लें
- आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लें
🔹 मासिक धर्म विकारों के कारण
- पोषण की कमी (प्रोटीन, विटामिन, आयरन)
- तनाव और चिंता
- गलत खानपान (तैलीय, जंक, बेकरी, ज़्यादा चीनी, चाय/कॉफी)
- व्यायाम की कमी
- मानसिक असंतुलन
🔹 प्राकृतिक उपचार और आहार सुझाव
पीरियड्स के दौरान शरीर को विषाक्तता (toxicity) से मुक्त रखना बहुत ज़रूरी है। केवल दवाइयों पर निर्भर रहने से लंबे समय में साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
🌸 पीरियड्स से पहले 5 दिन फलाहार
- सेब, पपीता, अनार, संतरा, अनानास, खरबूजा
- यदि वज़न कम है तो फलों के साथ दूध भी ले सकते हैं
- गाजर का जूस / गन्ने का रस लाभकारी है
🌸 संतुलित आहार दिनचर्या
- सुबह: गुनगुना पानी + नींबू + शहद
- नाश्ता: ताजे फल (कमरे के तापमान पर) + दूध
- दोपहर: उबली सब्ज़ियां (चुकंदर, पत्ता गोभी, गाजर, प्याज़, स्प्राउट्स)
- शाम: गाजर का रस या गन्ने का रस
- रात: स्टीम्ड वेजिटेबल सलाद + एक गिलास दूध / एक सेब
Avoid : मांसाहार, पैकेज्ड फूड, बेकरी आइटम, तैलीय भोजन, कोल्ड ड्रिंक, मिठाइयाँ, ज़्यादा चाय/कॉफी, बहुत मसालेदार खाना।
🔹 आयुर्वेदिक / घरेलू नुस्खे
- केले का फूल + दही – प्रोजेस्टेरोन को बढ़ाता है, अत्यधिक रक्तस्राव कम करता है।
- चुकंदर का रस – दिन में 2–3 बार, आयरन की कमी पूरी करता है।
- धनिया बीज – ज़्यादा फ्लो में लाभकारी, मिश्री के साथ ले सकते हैं।
- अदरक – पीरियड्स के दर्द को कम करता है।
- तिल – ऐंठन और दर्द में राहत देते हैं, पानी के साथ लिया जा सकता है।
🔹 बचाव के उपाय
- नियमित व्यायाम और योग
- तनाव प्रबंधन (ध्यान, गहरी सांस लेना)
- मौसमी फल और सब्जियों के साथ स्वस्थ आहार
- अधिक सोच-विचार, धूम्रपान और शराब से बचें
🌸 अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख केवल सामान्य जागरूकता और स्वास्थ्य जानकारी के लिए है। यदि आपको लंबे समय से या गंभीर मासिक धर्म की समस्या है, तो कृपया स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।