🌸 अमेनोरिया (मासिक धर्म रुकना) किसे कहते हैं?

हर महिला को एक उम्र के बाद हर महीने रक्तस्राव (पीरियड्स) होता है। मासिक धर्म चक्र सामान्यतः 28 दिन का होता है, लेकिन यह 32 से 35 दिन का भी हो सकता है। यदि पीरियड्स हर बार लगभग एक ही समय पर आते हैं, तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। कभी-कभी पीरियड्स में 3 से 4 दिन की देरी होना भी सामान्य माना जाता है और इसमें घबराने की जरूरत नहीं होती।

लेकिन अगर पीरियड्स एक बार आने के बाद कई महीनों तक बिल्कुल ही न आएं — जैसे लगातार 3 से 4 महीने तक – तो इसे “अमेनोरिया” कहते हैं, यानी मासिक धर्म का रुक जाना। यह कोई बीमारी नहीं होती, बल्कि शरीर का एक इशारा होता है कि अंदर कुछ ठीक से संतुलित नहीं है। ये हार्मोन की गड़बड़ी भी हो सकती है, या फिर जीवनशैली में कोई ऐसा बदलाव, जो शरीर को प्रभावित कर रहा हो।

🔸 अमेनोरिया के प्रकार

1. प्राथमिक अमेनोरिया

जब किसी लड़की को 15 साल की उम्र तक भी पहली बार पीरियड्स न आएँ।

संभावित कारण:

  • शरीर का विकास पूरा न होना
  • हार्मोन में गड़बड़ी
  • जन्मजात कोई रचना संबंधी समस्या (जैसे गर्भाशय या अंडाशय से जुड़ी)

2. द्वितीयक अमेनोरिया

जब किसी महिला को पहले पीरियड्स हो चुके हों, लेकिन फिर लगातार 3 महीने या उससे अधिक समय तक न आएँ।
यह अधिक सामान्य होता है।

🔹 पीरियड्स रुकने के कारण

a. जीवनशैली से जुड़े कारण:

  • अचानक वजन कम या ज़्यादा होना
  • बहुत ज़्यादा तनाव लेना
  • बहुत अधिक व्यायाम करना
  • अत्यधिक डाइटिंग या कमज़ोर भोजन

b. हार्मोन में असंतुलन:

  • थायरॉइड की समस्या
  • पीसीओएस (PCOS)

c. प्राकृतिक कारण:

  • गर्भवती होना
  • रजोनिवृत्ति (जब उम्र के साथ पीरियड्स बंद हो जाते हैं)
  • स्तनपान के समय भी कभी-कभी पीरियड्स नहीं आते

d. दवाओं का असर:

  • कुछ विशेष दवाइयाँ (जैसे अवसाद या हार्मोन से जुड़ी दवाएँ)

e. शारीरिक रचना से जुड़ी समस्याएँ:

  • अंडाशय, गर्भाशय या फालोपियन ट्यूब में कोई जन्मजात कमी

🔸 यह स्थिति कब सामान्य होती है?

  • जब महिला गर्भवती हो
  • जब महिला स्तनपान करा रही हो
  • जब रजोनिवृत्ति की उम्र आ रही हो (लगभग 45-50 साल के बीच)

इन स्थितियों में पीरियड्स न आना सामान्य है। घबराने की ज़रूरत नहीं होती।

🔹 आम लक्षण:-

  • पहले पीरियड्स आएँ और फिर रुक जाएँ
  • चेहरे पर अधिक बाल या मुंहासे (PCOS में)
  • बार-बार सिरदर्द होना (पिट्यूटरी ग्रंथि की गड़बड़ी में)
  • थकावट, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव
  • वजन का अचानक बढ़ना या घटना

🔸 क्या करें?    कैसे समझें?

यदि 15 साल की उम्र तक पीरियड्स शुरू नहीं हुए हैं, या पहले पीरियड्स आ चुके हों लेकिन 3-6 महीने तक रुक गए हों, तो यह संकेत है कि जांच करवाना ज़रूरी है।

🔍 ज़रूरी जाँचें

  • अल्ट्रासाउंड: गर्भाशय और अंडाशय की स्थिति देखने के लिए
  • रक्त परीक्षण: हार्मोन, थायरॉइड और प्रोलैक्टिन की जांच
  • शारीरिक परीक्षण: शरीर के सामान्य विकास को देखने के लिए

🌿 क्या करें – कुछ सरल उपाय ?

1. आयुर्वेदिक / प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ:
✔️ शतावरी और अशोक:

  • हार्मोन संतुलन में मददगार
  • मासिक चक्र को नियमित करने में सहायक

✔️ बीज चिकित्सा (Seed Therapy):
1. तिल:-

  • कम वजन वाली महिलाओं के लिए उपयोगी
  • ठंड लगने वाली प्रकृति में अच्छा
  • ज़्यादा प्रवाह हो तो सेवन सीमित करें

2. अलसी (Flaxseed):-

  • थायरॉइड में सीमित मात्रा में लें
  • पीसीओएस में फायदेमंद

3. मेथी:-

  • पाचन को ठीक करती है
  • इंसुलिन के स्तर को सुधारती है (PCOS में उपयोगी)
  • गर्म प्रकृति की — कुछ लोगों को अम्लता हो सकती है

❗ गर्भावस्था में सेवन न करें

2. व्यायाम और योग:-

  • रोज़ाना हल्का व्यायाम करें
  • योग से तनाव कम होता है
  • अधिक वजन वाली महिलाओं को धीमा लेकिन नियमित व्यायाम करना चाहिए

🧘‍♀️ जीवनशैली में बदलाव

  • रात को पूरी नींद लें
  • तनाव से बचें
  • बहुत ज़्यादा डाइटिंग न करें
  • पौष्टिक भोजन लें: हरी सब्ज़ियाँ, फल, दालें और पर्याप्त पानी

👩‍⚕️ चिकित्सकीय सलाह कब लें?

चिकित्सकीय सलाह कब लें?-जब पीरियड्स 3 महीने से अधिक समय तक न आएँ,

जब लक्षण जैसे मुंहासे, अत्यधिक बाल, सिरदर्द या थकान लगातार बनी रहे
, 

जब उम्र 15 के पार हो और अभी तक मासिक धर्म शुरू न हुआ हो

  • जब पीरियड्स 3 महीने से अधिक समय तक न आएँ
  • जब उम्र 15 के पार हो और अभी तक मासिक धर्म शुरू न हुआ हो
  • जब लक्षण जैसे मुंहासे, अत्यधिक बाल, सिरदर्द या थकान लगातार बनी रहे

🧠 सामाजिक समझ

आज भी कई बार पीरियड्स रुकने को केवल गर्भधारण मान लिया जाता है, जो हमेशा सही नहीं होता।
समाज की सोच के दबाव में आकर डरने की ज़रूरत नहीं है।
यह शरीर का संकेत है कि ध्यान देने की ज़रूरत है, शर्म की बात नहीं।

🔚 निष्कर्ष

मासिक धर्म न आना एक संकेत है, समाधान भी है।
समझदारी यह है कि शरीर की बात को अनसुना न करें।
समय पर जाँच, संयमित जीवनशैली और सही सलाह लेकर महिलाएँ अपने स्वास्थ्य को संतुलित और बेहतर बना सकती हैं।

⚠️ चेतावनी

यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए है। हर महिला की स्थिति अलग होती है।
किसी भी दवा या उपाय को शुरू करने से पहले, योग्य चिकित्सक या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

✨ अंत में

स्वस्थ शरीर और मन से ही सुंदर जीवन बनता है।
अपने शरीर से प्रेम करें, उसकी देखभाल करें — यह आपका सबसे सच्चा साथी है। 🌷

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